कैकु धरम जबदस्ती बदलि करणौं फर ह्वैली सखत सजा अर देंण प्वाडलु डांड (जुर्माना)

देरादूण। धरम बदलि करणा वळु कानून फर मुख्यमंत्री न दुबरा बयान दे। मुख्यमंत्री न बोलि कि देवभूमि उत्तराखण्ड मा ऐ कानून से अच्छु माहौल बणाळु। उन्न बोलि कि धरम बदलि करणा वळु कानून सब्यौं थैं अपड़ि संस्कृत अर धरम थैं मनणा कु अधिकार देळु। धामी न बोलि कि प्रदेस मा धरम बदलि करणा कु कानून जन्नि लागु ह्वै जालु उन्न धर्म बदलि करौंण वळा मनखि गैर जमानती अपराध ह्वै जाला।

मुख्यमंत्री न बोलि कि प्रदेस मा क्वीं मनखि अपडु धरम अपड़ि इच्छान बदलि करदु त वथैं द्वी मैना पैळि जिलाधिकारी थैं अपड़ि अर्जी दिंण प्वाड़ळि। धरम बदलि करणा क अर्जी देंणा क 21 दिनक भितर वै मनखि थैं जिलाधिकारी समणि अपड़ि हाजरि लगौंणा प्वाड़लि। यांक अलावा जबदस्ती धरम बदलि करणा क शिकैत क्वीं भि मनखि कै सकदु।

बतै दियां कि सरकारन उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 सदन मा रख्यूं। ऐ विधेयक मा जबदस्ती कैकु धरम बदलि करण फर सखत सजा अर डांड (जुर्माना) दिंणा कु बात ब्वलें जाणि च। वखि कानून क लागू हूंणि क बाद एक दगड़ि जमात मा मनखियों कु धरम बदलि करण फर दोस साबित हूंण पर 3 से 10 सालक सजा अर 50 हजार रुप्यौं कु डांड कर्यें जालु। दूसर तरफ एक मनखि कु धरम बदलि करण फर 2 से 7 साल क सजा अर 5 हजार रुप्यौं कु डांड कर्यें जालु। सरकारन संशोधन विधेयक मा जबदस्ती धरम बदलि करण क सजा त बढ़ै याली अर दगड़ा दगड़ि जै कु धरम जबदस्ती बदलि कर्यें ग्यें वथैं कोर्ट क जरिया पांच लख रुप्यौं कु नुकसान दियें जालु।

विधेयक मा इन्न भि च कि क्वीं मनखि अपड़ि इच्छान अपडु धर्म थैं बदलि करदु त वथैं द्वी मैना पैळि जिलाधिकारी थैं अपड़ि अर्जी दिंण प्वाड़ळि। अर डीएम थैं धरम बदलि करण वलु मनखि क सर्या जाणकारि सूचना तख्ती पर भि लगौंण प्वाड़ळि।

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