क्या ब्यटुळों कु शरैल तागत दिखौंणा कु जरिया बणिग्यें ?

मणिपुर मा ब्यटुळौं क दगड़ मा जु बर्बरता कु जु वीडियो सोशल मीडिया मा वेन मणिपुरा कानून बन्दबस्ता क पोल खोलि दे। वीडियो न सर्या देस हि ना बल सर्या दुन्या मा भारत देसा मुण्ड निस्स (नीचा) कै दे।

वीडियो 4 मई कु च बत्यें जाणु च। वीडियों मा द्वी ब्यटुळों तैं नंगी कैकि घुमयें जाणु च। वीडियो क बाद मणिपुरा सर्या देसा मा छ्वी हूंण बैठिग्यें। मणिपुर मा मैतेई अर कुकी समाज बीच मा लड़ै ह्वै फर यांकु मतबल यु कतै नीं ह्वै सकदु कु ब्यटुळौं तैं नंगि कैकि सड़कियौं मा घुमयें ज्यां।

मणिपुरा घटना कु सुप्रीम कोर्टं अप्फि संज्ञान ल्यायी। सुप्रीम कोर्टन बोलि कि वीडिया परेशान करण वळु च। केन्द्र अर राज्य सरकार बतै कि इन्न घटनौं तैं रवक्णा खूंणि उन्न क्या कायी?

ऐ वीडियान यु त साबित कै द्यायी कि 80 दिनु तक मणिपुर मा जु बि ह्वै, वैकु सबसे जादा ठिकरु ब्यटुळौं क मुण्ड मा हि ध्वळे ग्यें ।

द्वी जातियौं क बीचा लड़ै ब्यटुळौं फर ऐग्यें। एक जाति न दूसर जाति क एक कुटुम्दरि क व्यटुळा तैं पुलिस क बीच बटि छुड़ैकि अपड़ा कब्जा मा कैकि नंगी सड़कियौं मा घुमै अर बलात्कार कायी। यु न केवल हमर समाज फर हि ना बल सर्या देसा क मुण्ड मा कंलक च। देसा कैबि कुणा मा ब्यटुळौं क दगड़ इन्न नीं हूंण चैंद फर हमर देसा मा यु बि सच च कि जख बि क्वीं झगड़ा, दंगा हून्द त सबसे जादा अत्याचार ब्यटुळौं फर हि हून्द। मणिपुरा ये वीडियो न या बाद साबित ह्वै दे कि कखि बि कुछ बि हूंया, आदमि खूंणि ब्यटुळों कु शरैल तागत दिखौंणा कु जरिया बणिग्यें।

पिछल पांच साळु क एनसीबी का आंकड़ा गवै (गवाही) दिंण छन कि देसा मा 13 मिनट मा एक ब्यटुळा दगड़ बलात्कार हूंदन। 69 ब्यटुुळों मा बटि एक ब्यटुला दहेज खूंणि हत्या हूंद अर हर मैना मा 19 ब्यटुळौं फर तेजाब चुल्यें जान्द।
यु हम खूंणि स्वचण वळि बात च कि पछिल आठ नौ सालु क रिकॉर्ड देखि ल्यावा, ब्यटुळौं पर अत्याचार खळाखळ बढ़दें हि ग्यें। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, या फिर दिल्ली हूंया सबि जगों मा ब्यटुळौं क खिलाप अपराध बढ़दे ग्यें। इन्न मा हलात जब इतगा जादा खराब छन तब यु सवाळु तैं नीं उठै कि हम औरि सवाल उठौंळा अर ब्यटुळौं क सवाळ तैं कै बि तरौं से दबयें जालु त इन्नी हूंण। अर इन्न मा इन्ना ळोगु तैं तागत अर हिकमत मिलदि कि तुम औरि कारा। देसा पहलवान कु मुद्दा हमर समणि च, जख पॉक्सो एक्ट मजाक बणिग्यें । इन्न मा सवाल त यौं बि च कि आखिर इन्न कानून बण्यें कि क्या फैदा, जब क्वीं ऊंथैं मनणा खूंणि त्यार ही नीं च।

देस मा निर्भया कांड क बाद बण्यां वन स्टॉप सेंटर, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट बणणा क बाद बि देस मा ब्यटुळौं फर अत्याचार कम नीं ह्वै।

आज प्रधानमंत्री ब्वना छन कि मिथैं बौत दुख हूंण च। सभ्य समाज खूंणि शरमा बात च। यखम बडु सवाल यौं च कि जब 4 मई क घटना क 48 दिन बाद 21 जून खूंणि ऐ मामला मा रिपोर्ट दर्ज ह्वैग्यें, त वै फर कारवै किलै नीं ह्वै, इतगा दिन तस मणिपुर सरकार कै दव्ळण (छेद) मा मुख लुकैकि बैठि छायीं, अर क्या सरकार तैं कुछ पता नीं छायीं? क्या राज्य मा कानून की राज खतम ह्वैग्यें? साफ च कि मणिपुर सरकारन तरफ बटि यीं घटना तैं लुकौंणा कोसिस कर्यें ग्यें।

इन्न मा मणिपुर कु यु वीडिया वायरल नीं हून्दू अर सुप्रीम कोर्ट ऐ मामला मा संज्ञान नीं लीन्दु त अर सरकार तैं खबरदार नीं करदू त सैद कुछ पता हि नी चलदु।

अब जब ये मामला क चौतर्फा चरचा कै ह्वै, पैळु सवाल यु खडु हूंण च क्या दोषियौं तैं सजा मिललि? अर जौ फर यीं बीती ऊंथैं क्या निसाब मिळलु? यखम सवाल अब देसा, प्रदेसा बदनामी कु नीं च, सवाल जै दगड़ मा या घटना ह्वै, वे ब्यटुळा क इज्जत कु च? वींकी पीड़ा कु च? सच त यौं च यौन हिंसा क सिकार हूयीं ब्यटुला पीड़ा जि जिन्दगि भर क पीड़ा ह्वैग्यें, आखिर यांकु जिम्मेबार कोच?

हमर पढ़यूं-लिख्यूं समाज मा ब्यटुळौं तैं नंगि कैकि सड़कियौं मा घुमौंणु कतै सै नी ब्वलें जै सकदु। यु दुर्भावनापूर्ण च अर समाज मा इन्न करण वळा तैं कतै माफ नीं कर्यें जै सकदु।

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