उत्तराखंड ऊर्जा निगम ने बिजली बिल को लेकर किया बड़ा बदलाव

दून। उत्तराखंड के 20 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। यूपीसीएल के बिजली बिलों का चक्र बदलने से उपभोक्ताओं का बिल अब पहले की अपेक्षा कम आएगा। ऊर्जा निगम अब तक बिजली उपयोग करने का समय 15 दिनों से अधिक होने पर पूरे महीने का बिल तैयार करता है।

यूपीसीएल के मुख्य अभियंता वाणिज्य जेएस कुंवर ने अब नई बिलिंग चक्र जारी कर दिया है। इसमें हर महीने का बिल 25 से 35 दिन और दो महीने का बिल 55 से 65 दिन के भीतर तैयार किया जाएगा। इसमें भी जितने दिनों का बिल तैयार होगा, भुगतान उसी के अनुरूप तय दरों के अनुसार करना होगा। इससे उपभोक्ताओं का बिजली बिल ज्यादा दरों वाले स्लैब तक नहीं पहुंच सकेगा। इसी माह से यह व्यवस्था लागू होगी।

ऊर्जा निगम ने एक महीने में 30.417 दिन तय किए हैं। अब यदि आपका बिजली बिल 50 दिन में आता है, तो आपकी 100 यूनिट तक बिजली खर्च तय करने का सिस्टम बदल जाएगा। 100 यूनिट को 50 से गुणा करने के बाद आने वाले आंकड़े को 30.417 दिन से भाग देने पर आनी वाली 164.38 यूनिट को पहला स्लैब माना जाएगा।

इस तरह बिजली बिल का जो पहला स्लैब 100 यूनिट तक माना जाता है। वो 50 दिन के बिल पर पहला स्लैब 164.38 यूनिट माना जाएगा। इस तरह आम लोगों को पहले स्लैब के रूप में 64.38 यूनिट का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। यही फार्मूला अन्य स्लैब पर भी लागू होगा। नई व्यवस्था में फिक्सड चार्ज की गणना भी हर महीने की बजाय प्रतिदिन के अनुसार होगी।

प्रभात डिमरी, निदेशक विद्युत नियामक आयोग का कहना है कि, मौजूदा बिलिंग चक्र के अनुसार जारी होने वाले बिजली बिलों में आम जनता को नुकसान हो रहा है। यूपीसीएल की ओर से समय पर बिल जारी नहीं किए जाते। कभी 46 दिन में दो महीने का बिल भेजा जाता है। तो कभी 75 दिन से अधिक का समय लिया जाता है। इस अनियमितता को दूर कर दिया गया है। उपभोक्ताओं को इसका बड़ा लाभ मिलेगा।

इस मामले को चैन सिंह रावत के आग्रह पर केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने भी दिसंबर 2021 के शीतकालीन सत्र में उठाकर विधानसभा अध्यक्ष से फॉर्मूला बदलने की मांग की थी। नए फार्मूले से उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज और एनर्जी चार्ज से हो रहे नुकसान और अनियमितता से छुटकारा मिल जाएगा। अब घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली खपत और दिनों के अनुसार ही मूल्य देना होगा।

चैन सिंह रावत, शिकायतकर्ता/समाजसेवी का कहना है कि, घरेलू बिजली बिलिंग की त्रुटिपूर्ण प्रणाली के चलते उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। यूपीसीएल ने इस मामले में की गई सभी शिकायतों पर लगातार गुमराह किया। लेकिन, अब उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के डंडे से घरेलू बिलिंग में हो रही अनियमितताओं से प्रदेश के 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को निजात मिलेगी। अब आगे की लड़ाई पूर्व में अधिक मूल्य दे चुके उपभोक्ताओं को उनका पैसा वापस दिलाने की होगी।

जीएस कुंवर, मुख्य अभियंता (वाणिज्य) यूपीसीएल का कहना है कि, फरवरी से प्रतिदिन के आधार पर बिलिंग करने के आदेश जारी कर दिए हैं। नए आदेश में द्विमासिक बिलिंग 55 से 65 दिन और मासिक बिलिंग 25 से 35 दिन के भीतर किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे उपभोक्ता उच्च उपभोग वाले स्लैब में न जा सकें।

नए बिलिंग पीरियड के कारण अब 20 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। बिलिंग पीरियड 45 दिन की बजाय 25 से 35 दिन किए जाने से अब अधिक यूनिट तक बिजली बिल नहीं पहुंचेगा। इससे लोगों को अधिक बिजली यूनिट से आने वाले महंगे बिजली बिल से राहत मिलेगी। अभी एक महीने का बिजली बिल 45 दिन पर तय होता है। बिल दो महीने में आता है। कभी 50 दिन और कभी 65 दिन पर दो महीने का बिल आता है। इससे इन 50 से 65 दिनों के भीतर आम उपभोक्ता की बिजली यूनिट 400 से ऊपर पहुंच जाती है। इसके कारण लोगों को न सिर्फ प्रति माह 135 रुपये फिक्सड चार्ज का भुगतान करना होता है। बल्कि प्रति यूनिट 5.40 रुपये की दर से भुगतान करना होता है। यही बिल यदि 25 से 35 दिन के भीतर आता है, तो आम आदमी का बिजली बिल 200 यूनिट के भीतर रहेगा। इससे उसे हर महीने फिक्सड चार्ज 80 रुपये और प्रति यूनिट 3.45 रुपये की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा।

इससे आम आदमी का बिजली बिल कम आएगा। इससे घरेलू बिजली बिल में उपभोक्ताओं को राहत के साथ ही लाभ मिलेगा। जिससे कम यूनिट पर जार्च भी कम लगेगा। नए फार्मूले से घरेलू बिलिंग में एकरूपता आने के साथ ही उपभोक्ताओं को बिलिंग में अनियमितता से छुटकारा मिलेगा।

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