उज्याडू़ बल्द हरक सिंह . . .

हरीश रावत के ट्वीट से उपजे विवाद को अभी पटाक्षेप भी नहीं हुआ था कि एक और रावत हरक सिंह ने हाड़ कंपकपाती सर्दी में प्रदेश की राजनीति सियासी आग लगा दीं। कल तक लगातार भाजपा कांग्र्रेस पर हमलावार थी लेकिन हरक के इस पैतरे से भाजपा बैंक फुट पर खेलने को मजबूर कर दिया। वहीं भाजपा इसे परिवारिक झगड़ा बता रही है।

फिलहाल धामी ने एक बार फिर भाजपा ने फ्रंट फुट पर बैटिंग कर हरक के ड्रामा का पटाक्षेप कर दिया। लेकिन सियासी मामले कि सियासी सवाल है। सवाल हरक की नारजगी पर ही नहीं, भाजपा पर भी है और बड़ा सवाल सरकार पर भी है? कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक मेें आने पर हरक गुस्से में यह कहकर कि भिखारी बना दिया बैठक छोड़कर चले गये। सीधे-सीधे सरकार पर सवाल खड़े करता है। जब प्रदेश के माननीय कैबिनेट मंत्री की अपनी ही सरकार में नहीं सुनी जा रही तो समझा जा सकता है कि आम आदमी की फरियादों को क्या हश्र होता होगा? वैसे भी हरक हमेशा चर्चाओं में रहते है हरक कभी कहते है कि बस अब और चुनाव नहीं लड़ना। तो कभी अपनी मन पंसद सीट के लिए टिकट मांगने की बात करते है।

30 साल के अपने सियासी सफर की शुरूआत भाजपा से करने वाले हरक कभी हाथी पर सवार हुए तो कभी कांग्रेस के हाथ को थामे सियासी मलाई खाते रहे। पिछले पांच सालों से हरक अपनी पुरानी पार्टी भाजपा में कैबिनेट मंत्री की कुर्सी पर विराजमान है। हरक कहीं भी किसी भी पार्टी में रहे उनकी हमेशा अपनी दंबग छवि ही रही है। यही कारण है कि हरक सीधे-सीधे मुख्यमंत्री को भी अपने तेवरों का अहसास करते रहे है।

हरक के इस बार के तेवरों से साफ है कि नाराजगी कहीं और निशाना कहीं और है। कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज खोले जाने उनकी इच्छा हो सकती है, लेकिन इस बार उनकी नाराजगी का कारण कुछ और ही नजर आता है। साफ है दाव पेंच में माहिर हरक सियासी पिच पर कोटद्वार मेडिकल के बहाने अपनी बहु के लिए टिकट पक्का करने के साथ ही अपने अधूरी इच्छा (मुख्यमंत्री) पूरी करने का दबाव भाजपा पर बना रहे है। तो दूसरी तरफ कोटद्वार की जनता को भी संदेश देना चाहते है, मेडिकल कॉलेज के मामले में मैं तुम्हारे साथ हूँ।

फिलहाल हरक नॉट आउट है जो कि भाजपा के लिए ‘ऑल इज वेल’ है। भाजपा के लिए चिंता की बात यह है कि वह हरीश के इस उज्याडू बल्द को बल कब तक उज्याण खाने से रोके रखती है। वहीं हरक के निशाने पर 2017 में बड़ा भाई था तो 2022 में छोटा भाई है।

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