भू कानून समिति क संस्तुतियों फर हरीश रावतन खड़ा करिन सवाल

देरादूण। उत्तराखण्ड मा भू कानून खूंणि बणईं समिति न मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी थैं अपड़ि रिपोर्ट देयाली। कांग्रेसन समिति रिपोर्ट पर सवाल खड़ा कैकि कानून थैं लचलुच बणाणा कु आरोप लग्यें।

कांग्रेस न बोलि बल हम समिति रिपोर्ट थैं मनदौं त उत्तराखण्ड मा जमीन मूल्यांण औरि असान ह्वै जालु। जै थैं लेकैकि हरीश रावत न चिंता जतै।

हरीश रावतन सोशल मीडिया मा एक पोस्ट लेखि अर अपड़ि बात बोलि।
हरीश रावतन बोलि बल भू-कानून थैं कमजोर कैर्ये ग्यें ज्वां बौत झुरौण (चिंता) वलि बात च।
उन्न बोलि जब राज्य बणि छायीं, तब वे बगत मा आन्दोलकारियों क जिकुड़ि मा या बात छायीं बल हम अपड़ि जमीनी क खरीद थैं रोकि द्योळा। हम अपड़ि संस्कृति थैं, अपिड़ पच्छ्याण थैं बचौंळा अर अपड़ि धरोहर क रक्षा करणा कु काम करला।

हरीश रावतन बोलि समिति ज्वां रिपोर्ट द्यायी वै सै दुबरा इन्न लगणु च पर्यटन विकासा नौ पर हमरि जमीनु ळोगु मा चलि जाली। तब जड़ी बूटि क हमरि पुगड़ियों क नौ पर अपड़ि आण वळि पीढ़ि खूंणि क्या रै जालु। कख रै जाली हमरि संस्कृति, परम्परा अर पच्छ्याण, सब खतम ह्वै जालु।

हरीश रावतन बोलि समिति न भू सुधार न बल्कि जमीनु थैं मूल्यौंण असान कैकि सरकार क दगड़यों बड़ा-बड़ा उद्योगपति अर उद्योग थैं फैदा करणु जन च।

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