विधायक बोले- सीएम साहब! मैंने आपके कहने पर किया 10 लाख का वादा

जनता दर्शन में जहर खाकर पहुंच प्रकाश पाण्डे की मौत के बाद उनके परिवार जनों को 10 लाख सहायता राशि देने के डीएम के ऐलान के बाद प्रदेश सरकार बैकफुट पर खडी है। जिस कारण सत्तापक्ष की किरकिरी होने से विपक्षी कांग्रेस को नया मुद्दा मिल गया है।

घटना से जहां उत्तराखण्ड सरकार और प्रशासन के बीच तालमेल न होने की पोल खुग गई। वही नौकरशाही की परिपक्वता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले में नया मोड तब आया जब सत्तापक्ष के विधायक बंशीधर भगत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा, ‘मुख्यमंत्री जी, मैंने तो आपसे वार्ता के बाद आपके भरोसे पर यह घोषणा करवाई थी।’ लेकिन वहां भगत इस पत्र में संविदा की नौकरी के वादे को पूरी तरह छुपा गए। नैनीताल के डीएम दीपेंद्र चैधरी ने घोषणा की थी कि पांडे के परिजनों को 10 लाख सरकार देगी और पांडे की विधवा को संविदा की नौकरी दी जाएगी।

डीएम जिले में राज्य सरकार का प्रतिनिधि होता है, लिहाजा परिजनों ने भरोसा कर लिया। इन्हीं शर्तों पर पांडे का अंतिम संस्कार गया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने 10 लाख की सहायता और संविदा नौकरी जैसे किसी निर्णय से पहले ही मना कर दिया था। मदद से इनकार के पीछे सीएम कार्यालय की ओर से यह तर्क दिया गया था कि पांडे ने खुदकुशी की थी, ऐसे मामले में सरकारी खजाने से मदद देना संभव नहीं है। डीएम कहते हैं कि उन्होंने विधायक भगत के कहने पर घोषणा की। मामला तूल पकड़ता देख विधायक भगत ने सीएम को पत्र लिखा।

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