नाजौं कु राजा ‘क्वादु’

क्वादु खावा अर बिमरि थैं फुंडु भगावा

क्वादु, मडुवा, हिन्दी मा रागी अर वैज्ञानिक नौं इल्यूसीन कोरोकैना (Eleusine Corocana) एक म्वाटु नाज च। पाड़ मा क्वादु पूराणा ळोगु कु खाणा कु एक हिस्सा छायीं। क्वादु युगान्डा, इथोपिया, केन्या, जाम्बिया, जिम्बाब्वे, तंजानिया, सूडान, नाइजीरिया, नेपाला नाज च। हमर देस मा क्वादु आन्धप्रदेस, कर्नाटक, राजस्थान, उड़ीसा अर उत्तराखण्ड मा खुब ख्यें जान्द।

कै जमना मा पाड़ मा क्वादु की खेती बौत मात्रा मा हुंदी छायीं किलैकि येकी खेती कम पाणि जगा भि ह्वै जांद छायीं। क्वादु क खेती मा जादा देखरेख क जरुरत नीं हून्दि। पर आज खेती मा जादा पैदावार का नौं फर जन जन खेती बाड़ी मा कीड़ा मरणा दवै (कीटनाशक) कु इस्तमाल ह्वायी। उनि-उनि मनखियों का शरैळ मा बिमारिळ भी अपडु घाऽर बड़ाण शुरू कैरि द्यायी। जै कारण सै एकदा फिर पिछळ कुछ साळु बटि दुबरा ळोग म्वाटु नाज जनै ळौटणा बैटिग्यें।

उत्तराखण्ड मा त क्वादा की रवट्टी पैळि बटि खय्यें जांदी छायीं लेकिन अब यख भि क्वादा बिस्कुट अर क्वादा क बढ़ि चीजु क मांग भि खळाखळ बढ़दा जाणि च।

क्वादु मा कैल्सियम, फास्फोरस, विटामिन बी अर लौह तत्वों की मात्रा हूंद। क्वादु मा चौंळ (चावल) से 34 गुणा जादा अर गिऊँ (गेहूं) से नाैं गुणा जादा कैल्सियम हूंद। इल्लै क्वादु थैं नाजौं कु राजा भि ब्वले जांदा।

क्वादु मा मिलण वाळा कैल्सियम, फास्फोरस हमर दांतु अर शरैळ कि हड्डियों थैं मजबूत करदु। जै कारण स बढ़दा नौन्याळों खुणि क्वादू एक वरदान च।

क्वादु मा काबोहाइड्रेडा मात्रा हुंण। जै कारण से पुटंगा की खाणु थैं पाचाणु कि क्रिया मठु-मठु कै कि हुंद, जै से हमर शरैळ कि ल्वे मा चीनी कि मात्रा बराबर बड़ि रैंद। क्वादु मा फाइबर की मात्रा बिडि हूंण से शरैळ मा कोलस्ट्राल की मात्रा नि बढ़दि।

क्वादु मा ळुवा (लौह तत्व) की मात्रा हुंण से शैरळ मा ल्वे (खून) की कमी नि हुन्दि। यूं ही कारण च पाड़ क रैवासियौं क शरैल मा कबि भी हीमोग्लोबिन की कमि नि हुंदि। जापान मा त अपणि ब्वे का दूध पीण वाळ छ्वट्टा नौनियाळ थैं क्वादू का बड्या आहार दिदन।

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