करतारपुर पर भारत-पाक के बीच हुआ समझौता

UK Dinmaan

भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. इसके तहत भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित दरबार साहेब के दर्शन करने जा सकते है।

भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों ने जीरो पॉइंट पर मिलकर ये समझौता किया और 10 नवंबर से ये कॉरिडोर खुलेगा।

मान्यताओं के मुताबिक सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक 1522 में करतारपुर आए थे। गुरुनानक देव ने यहां अपने जीवन के 18 साल बिताए हैं। करतारपुर में जिस जगह गुरु नानक देव की मौत हुई थी वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया था।
अब तक कुछ श्रद्धालु बीएसएफ की निगरानी में दूरबीन से सीमा पार मौजूद करतापुर साहिब के दर्शन करते हैं।

कॉरिडोर पंजाब स्थित डेरा साहेब नानक को करतारपुर स्थित दरबार साहेब से जोड़ेगा। दोनों देशों के लोग को इस यात्रा के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी।

इनमें भारतीय पासपोर्ट धारकों एवं ओसीआई (भारतीय विदेशी नागरिकता) कार्ड धारकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा, भारत के हिस्से को जोड़ने के लिए रावी नदी के डूबे क्षेत्र पर पुल निर्माण और रोजाना कम से कम पाँच हजार श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाजत शामिल है।

भारत के कई और प्रस्तावों पर ‘पाकिस्तान ने सैद्धांतिक रूप से सहमति‘ दे दी है।

इस समझौते में क्या है
कोई भी भारतीय किसी भी धर्म या मजहब को मानने वाला हो। उसे इस यात्रा के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी।

यात्रियों के लिए पासपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवेल ऑथराइजेशन (ईटीए) की जरूरत होगी।

ये कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की लिस्ट 10 दिन पहले पाकिस्तान को देगा।

हर श्रद्धालु को 20 डॉलर यानि करीब 1400 रुपये देने होंगे।

एक दिन में पाँच हजार लोग इस कॉरिडोर के जरिए दर्शन के लिए जा सकेंगे।

तत्काल अस्थाई पुल का इस्तेमाल किया जा रहा है और आने वाले वक्त में एक स्थाई ब्रिज बनाया जाएगा।

श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। आवेदकों के मेल और मैसेज के जरिए चार दिन पहले उनके आवेदन के कंफर्मेशन की जानकारी दी जाएगी।

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