खुदकुशी की धमकियों से सरकार परेशान

ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे के आत्महत्या करने से सरकार की परेशानी में सिर्फ बल ही नहीं पड़े हैं, बल्कि खुदकुशी की नई धमकियों ने उसकी आंखों से नींद भी उड़ा दी है। कर्ज में फंसे तीन और लोगों, एक अतिथि शिक्षक समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने अलग-अलग समस्याओं का समाधान नहीं होने पर कुछ ऐसी ही धमकियां दी हैं। इससे मुख्यमंत्री कार्यालय पसोपेश में है।

मैक्स अस्पताल में उपचार के बावजूद पांडे के को बचाना नहीं जा सका। प्रकाश पाण्डे के शोक संतप्त परिवार हो राहत के तौर पर सरकार दौरा 10 लाख रुपये और उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई है।

जिस कारण सरकार की मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ गई हैं। अन्य कई लोगों की ओर से अब खुदकुशी की धमकी देते हुए सरकार से अपनी समस्याओं के तुरंत समाधान की मांग की गई है। इनमें से अधिकतर मामले आर्थिक तंगी से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय दूरभाष और ऑडियो संदेश के रूप में मिल रही इन धमकियों से सकते में है। पांडे के मामले ने जिस तरह तूल पकड़ा, उसकी पुनरावृत्ति न हो, इसे लेकर सरकार पूरी एहतियात बरत रही है।

खबरों के अनुसार चंपावत से एक ट्रांसपोर्टर ने इसी तरह आत्मदाह की धमकी दी है तो जिले के ही एक कर्ज में डूबे एक व्यक्ति ने कर्ज नहीं मिलने पर पांडे की तरह ही कदम उठाने की चेतावनी दे डाली। पौड़ी जिले का एक व्यक्ति अपने टूरिस्ट हट के लिए वन भूमि से रास्ता चाहता है। उसने भी खुदकुशी की धमकी देने से गुरेज नहीं किया। सितारगंज के एक व्यक्ति ने खनन को लेकर सरकार को चेतावनी दे डाली। एक गेस्ट टीचर ने नौकरी नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री कार्यालय को कुछ ऐसे ही तेवर दिखाए हैं। जमीन के फंसे मामले में पत्रकार बताए जा रहे एक व्यक्ति की ओर से भी इसीतरह धमकी दी गई है। फिलहाल फोन और ऑडियो संदेश में मिलने वाली धमकियों से सरकार के सामने नया संकट खड़ा हो गया है।

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