पिसेंणि त जनतै हि च ?

लोकसभा चुनौ मा अब तेरा चौदह दिन बि बच्यां छन। पर ऐसु चुनौ मा अबि तक कखि क्वी रंगमत नी दिख्येणि च। प्रदेस मा कखि बि इन्न महौल नी दिख्येणु च जै से ब्वले जै सकदू तक चुनौ ऐग्ये। चुनौ कु रंग कखि नी दिय्येणु च।

झण्डा, डण्डा, पोस्टर, बैनर हार्डिंग, चुनौ कु हो-हल्ला अबि तक सब गैब छन। सोशल मीडिया हि च जख बिटि जनता तैं पता चलणु च लोकसभा चुनौ ऐग्ये।

चुनौ क मुद्दा हर्चयां छन। भाजपा मोदी क भरोसु त कांग्रेस लोकतंत्र बचौंणा बोलि कि लोगु तैं बोट देंणा खूणि ब्वनी च।

यांका बाद जनता खामोश चुप्प च। जनता क यीं चुप्पी खास कैकि प्रत्याशियों कुु मुण्डरू बणि च।

उत्तराखण्ड मा त लड़ै भाजपा अर कांग्रेसा बीच मा हि च। भाजपा त मोदी नौं पर गंगजाट करणि च। भाजपा प्रत्याशी न त अपड़ा पांच सालु कामु तैं बताैंंणा छन अर न जीतिक हमन क्य करण यु बतौंणा छन। बस मोदी नौं पर तीन तलाक, धारा 370, देस तैं तिसरी अर्थव्यवस्था, राम मंदिर अर मोदी तैं तिबरा प्रधानमंत्री बणौंणा यांका अलाव उमा अपड़ा काम जनता तैं बतौंणा खूणि कुछ नी च। प्रधानमंत्री मोदी त ऊधमसिंह नगर मा बोलि कि तुमरू बोट मोदी खूणि च। यां से एक सवाल लोग करण बिटिग्येन की आखिर जब हमन बोट मोदी जी तैं देंण त यु सांसदु क हमन क्य करण। क्या यीं सिरफ अर सिरफ अपणि पेंसन पकौंणा खूणि सांसद बणणा छन? यीं कारण च पौड़ी मा अनिल बलूनी कु विरोध भाजपा ब्यटुला कार्यकत्तौं न कायी अर देरादूण मा मालाराज्य लक्ष्मी अर गणेश जोशी पर लोगुन अपणि खिज्ज निकालि।

त वखि कांग्रेस अग्निवीर, मंहगाई, बेरोजगारी, पुरणि पेंशन अर अंकिता भण्डारी कतल तैं लेकैकि भाजपा पर हमला करणि च। लेकिन यांका बाद बि कांग्रेस तैं लेकैकि यीं छ्वीं जादा लगणि छन कि कांग्रेसा बड़ा-बड़ा नेता कांग्रेस तैं छोड़िकि भाजपा मा जाणा छन। किलै ऊतैं वख सत्ता सुख दिख्येंणु च। यां से कांग्रेस कमजोर हूंणि च अर कांग्रेसा समणि चुनौं मा सबसे बड़ी चुनौती अपड़ा कुनबा तैं बणौंणा चुनौती च।

भाजपा कांग्रेस तैं कमजोर कैकि बौत खुस च। खळाखळ कांग्रेसियों तैं सामिल कैकि जोड़-तोड़ा राजनीति से खुस त च पर पार्टी क भितर ज्वां खुसर-पुसर हूंणि च वा भाजपा खूणि मुण्डरु करणि च। भाजपा क झण्डा उठौंण वला सुस्त प्वड़या छन।

साफ च कि कांग्रेस तैं दुबरा सत्ता मा आण कबलाट त भाजपा तैं सत्ता बचौंणा पैलि चुनौती च।

इन्न मा आखिर सवाल त वीं च, जु चुनौ जनता का नौं पर हूंदन, वे चुनौ मा जनता कख च। नेताऔं मा एक दूसर मुण्ड मा ठिकरु फ्वड़णा क अलाव क्वीं काम नीं च। अर जनतै हलात त इन्न छन कि जन्नि मुद्दांे बात कारा त तुम कांग्रेसी छौ, तुम भाजपाई छौ कु टप्पा जनता पर लगै जाणु च। इन्ना मा आखिर जनता अपड़ि पिड़ा कैथै बताली। मैंगे, रुजगार, भ-ूकाननू , मूल निवास जना जनता मुद्दा आखिर कख हरर्चि ग्यींन? साफ च कि चुनौ त अब भाजपा अर कांग्रेसा लोगुक बीच हूंणा छन अर जनता बिचरि यु द्विया पाटु क बीच पिसेंणि च बस।

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