लाभ के पद मामले पर सीएम केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ी

नई दिल्लीः चुनाव आयोग की ओर से लाभ के पद मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। बता दें कि लाभ के पद पर बने रहते हुए संसदीय सचिव की नियुक्ति के मामले में चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों अयोग्य ठहराते हुए राष्ट्रपति से इसकी सिफारिश कर दी।

इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया और लिखा कि ‘ जब आप सच्चाई और ईमानदारी पर चलते हैं तो बहुत बाधाएं आती हैं। ऐसा होना स्वाभाविक है. पर ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियाँ आपकी मदद करती हैं। ईश्वर आपका साथ देता है। क्योंकि आप अपने लिए नहीं, देश और समाज के लिए काम करते हैं। इतिहास गवाह है कि जीत अंत में सचाई की होती है।’

बता दें कि दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 आप विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। जिसके बाद वकील प्रशांत पटेल ने इस पूरे प्रकरण को लाभ का पद बताकर राष्ट्रपति के पास शिकायत करके 21 विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। राष्ट्रपति ने मामला चुनाव आयोग को भेजा और चुनाव आयोग ने मार्च 2016 में 21 आप विधायकों को नोटिस भेजा, जिसके बाद इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई थी।

हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
वही चुनाव आयोग की सिफारिश को चुनौती देने के लिए आम आदमी पार्टी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मगर वहां से भी केजरीवाल सरकार को अंतरिम राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका को खारिज कर दिया।

सरकार को नहीं नहीं खतरा
यदि राष्ट्रपति, चुनाव आयोग की सिफारिशों पर अपनी मंजूरी दे देते हैं, तो आम आदमी पार्टी को दिल्ली विधानसभा में किसी तरह का खतरा नहीं है. क्योंकि पार्टी के पास 70 में से 66 सीटें हैं। अगर इनके 20 विधायक अयोग्य हो भी जाते हैं तो इनके पास 46 सीटें बचेंगी, जो बहुमत के आंकड़े से ऊपर है।

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