आज रात से नहीं चलेंगी उत्तराखंड रोडवेज की बसें

देहरादून। आज रात से परिवहन निगम की बसें नहीं चलेंगी। रोजडेज से जुड़ी यूनियनों ने बुधवार को आधी रात से प्रदेश व्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। हालांकि, आवश्यक सेवा होने के कारण परिवहन निगम में एस्मा लगी है, लेकिन यूनियनों ने दावा किया है कि उनके कदम नहीं डिगेंगे। यूनियनों ने यह फैसला निजी वाहनों की डग्गामारी के खिलाफ लिया है। हालांकि शासन-प्रशासन स्तर से यूनियन नेताओं के साथ वार्ता करके हल निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यूनियनें डग्गेमारी पर शासन-प्रशासन के पिछले रवैये से भरोसा नहीं जता रहे हैं। उनका कहना है कि अब तक सैकड़ों बार इस पर वार्ता हो चुकी है और कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया गया है, लेकिन आज तक निजी वाहनों की डग्गेमारी पर लगाम नहीं लग पाई है।

जिस कारण परिवहन निगम की बसें खाली है, जिसका खामिया निगम को घाटे के तौर पर उठाना पड़ रहा है। राज्य में रोडवेज के रूटों पर डग्गामारी के खिलाफ रोडवेज की तीनों प्रमुख यूनियनों एक हो गई हैं। यूनियनों के पदाधिकारियों ने एडीएम बीएस बुदियाल के माध्यम से मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजकर बुधवार रात तक डग्गामारी पर पूर्ण अंकुश लगाने की मांग की है। ऐसा पहली बार है जब तीनों यूनियनों ने एकजुट होकर एक मुद्दे पर लामबंदी की है। इससे रोडवेज व परिवहन अधिकारियों समेत प्रशासन के हाथ-पांव भी फूल गए हैं।

 डग्गामार वाहनों को रोकने के लिए रोडवेज के अनुबंधित ट्रांसपोर्टर वेद प्रकाश महावर आइएसबीटी परिसर में आमरण अनशन पर बैठे तो तीनों यूनियनों ने उन्हें समर्थन दे दिया। इस दौरान रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री रामचंद्र रतूड़ी, उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री रवि पचौरी और उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी में मंत्रणा हुई। चूंकि, मुद्दा रोडवेज की आर्थिकी व सभी कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है, लिहाजा एक राय बनी कि सरकार को दो दिन का समय दिया जाए। इसी दौरान उत्तराखंड डग्गामार विरोधी संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया।

जिसमें तीनों यूनियनों के साथ दून टैक्सी चालक एसोसिएशन को भी शामिल किया गया है। संयुक्त मोर्चे के नेताओं ने चेताया कि प्रशासन ने अगर कार्रवाई नहीं की तो बुधवार रात 12 बजे से रोडवेज कर्मचारी बेमियादी कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। यात्रा सीजन अपने चरम पर है। यदि ऐसे में रोडवेज कर्मी हड़ताल पर जाते हैं तो इसका खामियाजा प्रदेश की जनता के साथ ही यात्रियों को भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा रोडवेज को भी करोड़ा का राजस्व नुकसान भी उठाना पड़ेगा।

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