अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड, लड़ै अबि खतम नीं ह्वे
आखिरकार अंकिता भण्डारी कातिल तैं उमरकैदा सजा मिजिग्ये। देवभूमि उत्तराखण्ड तैं झक करण वलु अंकिता भंडारी हत्याकांडा तीन दोषियों तैं जिला कोर्ट पौड़ी न उमर कैदा सजा सुणै याली।
अंकिता हत्याकांडम बड़ी बात या छायीं कि ऐ हत्याकांडम कातिल भाजपा अर सत्ताधारी पार्टी से जुड्या छायीं। इल्लै सर्या उत्तराखण्ड टक अंकिता हत्याकाण्डा फैसला फर लगि छायीं। अंकिता हत्याकाण्डा दोषियों तैं त उमर कैदा सजा मिलिग्ये पर जैका बारम यु काण्ड ह्वे वै वीआईपी कु नौं अबि तक समणि नीं ऐ। अंकिता हत्याकाण्ड म पुलिसन 40 हजार फोन अर 88 से जादा सीसीटीवी कैमरा तैं देखि। यांका बाद बि वे वीवीआईपी कु राज नीं खुलि।
घटना दिन अंकिता भंडारी न अपणु दगड्या पुष्पदीप तैं रिजॉर्ट मा वीआईपी औंणा क बारम जाणकारी दे छायीं। अर बतै छायीं कि पुलकित आर्य न वीं पर वीआईपी तैं एक्स्ट्रा सर्विस देंणा वास्ता बोलि छायीं, जै खुणि अंकिता त्यार नीं छायीं। वीआईपी तैं ख्वजणा खुणि एसआईटी न वनंत्रा रिजॉर्टा इन्नै-फुन्नै 40 हजार फोन नम्बरु जांच कायी त वखि ऋषिकेश बटि हरद्वार तक 800 से जादा सीसीटीवी कैमरों तैं देखि पर यांका बाद बि वीआईपी कु क्वीं सुराग नीं मिलि। एसआईटी क टीम वै खास वीआईपी तक नीं पौंछि साकी जैतैं सर्विस नीं देंणा कारण अंकिता कु कतल करे ग्यायी।
देवभूमि उत्तराखण्ड तैं झक करणु वलु ऐ हत्याकाण्डम अदालत बटि फैसला ऐग्ये। कोर्टन तिन्यां दोषियों तैं उमर भर जेला सजा सुणै। कोर्टा ऐ फैसलन अंकिता लड़ै लड़ण वला अर उत्तराखण्ड प्रदेसा लोग खुस नीं छन। अंकिता ब्वे न रुन्दा-रुन्दा ब्वलणा छन कि फैसला से खुस नीं छौ, यु तैं फांसिकि सजा हूंण चैंद छायीं। दोषियों तैं या सजा बौत कम च। अर या बात यांन बि साफ ह्वेग्ये कि सजा हूंणा बाद जब दोषियों तैं पुलिस जेल जिलाणि छायीं उबरि तिन्यौं की मुखड़ि पर चलक्वार छायीं। तिन्यौं मा एक त इन्न छायीं की अर इन्न हत्थ हिलौंणु छायीं जन क्वीं लड़ै जितिकि आणा हो। तिन्यों क मुखड़ि देखिकि इन्न कतै नीं लगणु छायीं कि ऊतैं जरा गलति कु जरा बि अफसोस नीं च अर तिन्या इन्नि फैसला चाणा छायीं।
न्याय फैसला कु सम्मान च। पर ऐ फैसला से अंकिता ब्वे-बुबा ही ना बल जु अंकिता लड़ै लड़णा छायीं, वु सबि लोग यु बि जणण चाणा छायीं कि आखिर जै वीआईपी तैं एक्स्ट्रा सर्विस देंणा कु अंकिता पर दवाब बण्यें जाणु छायीं वैकु नौं क्य च, समणि नीं ऐ किलै? एसआईटी टीम वीआईपी तक नीं पौंछि साकी। अब कोर्ट कु ऐ फैसला से कैकि जीत च, फैसला तुम हि कारा। अंकिता कु ब्वे बुबा अर तिन्या दोषि ऐ मामला म हाईकोर्ट अर सुप्रीमकोर्ट जरुर जाला। यां से या बात साफ च की अंकिता भण्डारिक् निसाबा लड़ै अबि खतम नीं ह्वे, भवेष्य म क्य होलु यु त अबि क्वीं बतै नीं सकदू। अबि त अंकिता कतलु तैं सजा मिलिग्ये पर वीआईपी कौच च, यु राज अबि खुलण बाकी च।