एक देस-एक चुनौ’ लोकतंत्र तैं हौरि मजबूत बणौंणा वास्ता एक बड़ी कोसिस चः धामी

मुख्यमंत्री धामी न आज ‘एक देस-एक चुनौ’ विषय पर संयुक्त संसदीय समिति दगड़ि संवाद कार्यक्रम मा भाग ल्यायी। ऐ मौका पर उन्न संयुक्त संसदीय समिति क अध्यक्ष पी.पी. चौधरी अर समिति क सबि सदस्यु कु स्वागत कायी।

मुख्यमंत्रिन बोलि कि ‘एक देस-एक चुनौ’ हमर लोकतंत्र तैं हौरि प्रभावी, समावेशी अर मजबूत बणौंणा वास्ता एक बड़ी कोसिस च। उन्न बोलि कि देसम चुनौ अलग-अलग बगत मा चुनौ हूंण से बार -बार आचार संहिता लगद, अर विकास काम बन्द ह्वे जन्दिन। उन्न बोलि जब बि चुनौ हूंदन ,त सबि कर्मचारी तैं मूल काम तैं छोड़िकि चुनौ ड्यूटी पर लगाण प्वड़दू।

मुख्यंत्रिन बोलि कि पिछल तीन सालु मा प्रदेसम विधानसभा, लोकसभा, निकाय चुनौम लगि आचार संहितक् कारण से 175 दिन प्रदेस प्रशासनिक काम नीं ह्वे साका। उन्न बोलि छ्वटा प्रदेस अर कम संसाधन वाला प्रदेसु खुणि 175 दिन शासन बन्दुबस्त वास्ता मा बौत महत्वपूर्ण हूंदन।
मुख्यमंत्रिन बोलि कि विधानसभा निर्वाचन कु सर्या भार प्रदेस सरकार पर हि प्वड़दु अर लोकसभा निर्वाचन की भार केन्द्र सरकार पर। उन्न बोलि द्विया चुनौ एक दगड़ि होला त चुनौ कु भार अद्धा-अद्धा ह्वे जालु।

मुख्यमंत्रिन बोलि उत्तराखण्डम जून-बटि सितम्बर तक चारधाम जातारा क दगड़ि बरखा बि हूंद। इन्न मा चुनौ यु मैनों मा चुनौ करणा म बौत दिक्कत हूंद। यांका अलाव जनवरी बिटि मार्च तक चुनौ नीं हूंण चैंदन किलैकि इबरि वित्तीया आखिरी तिमाही हूंद। उन्न बोलि फरवरी-मार्च मैनों मा बोर्डा इमत्यान हूंदन, इन्न मा प्रशासनिक संसाधनु पर काम जादा ह्वे जान्द। उन्न बोलि उत्तराखण्ड जन्न पाड़ि प्रदेसम ‘एक देस-एक चुनौ’ बौत अच्छी बात च। उन्न बोलि बार-बार चुनौं हूंण से लोगु कु मन बि खिन्न हूंद जै से मतदान प्रतिशत कम ह्वे जान्द।

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